Attitude Shayari

shayari-1

हर बात तुमको बेफिक्री से बताउंगा नहीं,
आख़री दफा है ये अब समझाऊंगा नहीं,
तुम जो आती जाती हो ये मत किया करो,
किसी रोज़ मैं चला गया तो आऊंगा नहीं।

shayari-2

उस गुलाबी गुलाब को कांटा बनते देखा है,
हां मैंने एक इंसान को रंग बदलते देखा है,
कसमें खाई तो थी,उनका असर नहीं हुआ,
मैंने उसको शहर में जिन्दा घुमते देखा है।

shayari-3

एकदम चुप हो गए कुछ कह नहीं रहे हो,
क्या हुआ है, किस बात पर मौन हो तुम,
उसने मुझसे कहां कि भुल जाना मुझको,
मैंने भी उससे पुछ लिया कौन हो तुम?

shayari-4

ज़रा ही कुछ देर में दरिया भर देगा तूं,
बादल क्या बरसते होंगे ऐसे बरसेगा तूं,
तेरी मोहब्बत मुझको बहुत तरसाया है,
मुझको खोने वाले मेरे लिए तरसेगा तूं।

shayari-1

ज़रुरत से ज़्यादा नहीं
मुझको बस ज़रूरी चाहिए,
पैसा चाहें कम मिलें
मगर इज्ज़त पुरी चाहिए।

shayari-2

मेरी औकात का रुतबा देखकर,
दिल में उनके कांटा चुभा देखकर,
कबूतरों ने झुंड में साजिश कि हैं,
बाज़ को अकेला उड़ता देखकर।

shayari-3

तुम्हारी यादों के साथ आग लगा देते तुम्हें,
तुम्हारे दिए खतों के साथ जला देते तुम्हें,
तुम ज़िन्दगी से गए हो इसलिए हो यादों में,
दुनिया से जाते तो दो दिन भुला देते तुम्हें।

shayari-4

सारी आदतें और शौक़ सारे बदलने के बाद,
बहुत से लोग बदल गए हमारे बदलने के बाद,
वो मिले तो कहा हमसे काफ़ी बदल गए हो,
हमने भी कह दिया हां तुम्हारे बदलने के बाद।

shayari-1

ग़म देने वालों को अब ग़म होने लगें है,
सुखे पत्ते दरख़्त के नम होने लगें है,
जबसे पहने है बग़ैर आस्तीन के कपड़े,
शहर में हमारे दोस्त कम होने लगें है।

shayari-2

पानी कि लहरों से बैर कर डूबेंगे,
समंदर कि ज़रा सैर कर डूबेंगे,
हम कागज़ कि कश्ती हि सही,
हम डूबेंगे भी तो तैर कर डूबेंगे।

shayari-3

उन बादलों को छुने का ख़्वाब देखा है,
थमे तालाब ने बहने का ख़्वाब देखा है,
होने को ख़ुदा हो सकता था पत्थर मगर,
पत्थर ने पहाड़ होने का ख़्वाब देखा है।

shayari-4

चाहने वाले चार है आज कल लाख बना दूंगा,
लोग ज़िन्दगी बनाते है मैं इतिहास बना दूंगा,
बनाऊंगा ख़ुदको कामयाब इतना एक दिन,
इन मज़ाक बनाने वालों का मज़ाक बना दूंगा।

shayari-1

कही ऐसा ना हो कि मैं पहचानने से इंकार कर दूं,
तु मुझसे मिलने आएं, मैं तुझे घर से बाहर कर दूं,
एक वक्त तक कि मोहलत दी है मैंने भी तुझको,
मैं पागल नही जो तेरे पिछे जिन्दगी बेकार कर दूं।

shayari-2

भुखे मर जाएंगे मगर उधार नहीं मांगेंगे,
हक से लेंगे,भिख में प्यार नहीं मांगेंगे,
तुम ग़र ज़िद्दी हों तो हम भी कम नहीं,
तुम्हें मना के रहेंगे पर हार नहीं मानेंगे।

shayari-3

ज़रा ही कुछ देर में दरिया भर देगा तूं,
बादल क्या बरसते होंगे ऐसे बरसेगा तूं,
तेरी मोहब्बत मुझको बहुत तरसाया है,
मुझको खोने वाले मेरे लिए तरसेगा तूं।

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