sad shayari

shayari-1

तुमने बहुत देखे हैं मुझ जैसे
तुम देखना एक दिन सबसे अलग दिखूंगा मैं
लगे जो कभी कहीं बाजारे इश्क़ तो बेचना तो सबसे महंगा बिकूँगा मैं .

shayari-2

मोहब्बत की थी हमने भी किसी ज़माने में
आदमी काम के हम भी थे किसी ज़माने में
मालूम नहीं इन दिनों जाने कहाँ रहती है
वो जो हमारे दिल में रहती थी किसी ज़माने में .

shayari-3

बदल जाते हैं मौसम हमें मालूम न था
प्यार है प्यार का मातम हमें मालूम न था
इस मोहब्बत में यहाँ किसका भला होना है
हर मुलाकात की किस्मत में जुदा होना है .

shayari-4

बाजारे इश्क़ में वो मेरी सच्ची मोहब्बत का दाम पूछती है
मेरी नाम की कसमे खाने वाली आज मेरा नाम पूछती है.

shayari-1

गीत लिखे भी तो ऐसे की सुनाये न गए
जख्म उतरे यू लब्जो में की दिखाए न गए
और आज तक रखे हैं पछतावे की आलमारी में
एक दो वादे जो दोनों से निभाए न गए .

shayari-2

अमीर बुनियाद का पत्थर हूँ
पर हमें घर से निकला जा रहा है
जनाजे पर मेरे लिए लिख देना ए यारो
मोहब्बत करने वाला जा रहा है .

shayari-3

अगर लब पर किसी के सिर्फ एक मुस्कान होती है
तो फिर अनजान सूरत भी कहाँ अनजान होती है
मजा तो तब है जब इश्क़ ही पहचान हो तेरी
जैसे कोई खुशबू फूल की पहचान होती है.

shayari-4

अगर दाव पर रख दें तो सफर आसान होगा क्या
और जो दावं पर रखेंगे वो इमान होगा क्या
कमी कोई भी हो वो जिंदगी में रंग भरती है
अगर सब कुछ ही मिल जाये तो अरमान होगा क्या .

shayari-1

तेरे दिए जख्म अब भरने लगे हैं
मैं इन जख्मो को कुरेद दूँ क्या
दिल तो कब का लूट चूका है जाना
और मै दिल का दरवाजा खुला छोड दूँ क्या .

shayari-2

दीवाना आग में जल गया और वो हँस रही है
कैसी दीवानी है
और ये क्या दो प्यार करने वाले मिल गए
इसे फाड़ दो यारों ये झूठी कहानी है .

shayari-3

मोहब्बत नहीं करते लोग,
मोहब्बत से पहले उसका अंजाम दिख जाता है
और जब मोहब्बत में दिल टूटता है तो आँखों के सामने सीधा समसान दिख जाता है .

shayari-4

आँखे खुली रहीं और खुदा जाने कितनी राते बीत गई
और मैं मोहब्बत करता रहा और उसकी नफ़रत जीत गई.

shayari-1

मुझे तुमसे मोहब्बत है
वो एक कागज पर हर शाम लिखती है
और बड़ी चालाक है वो जाने ये खत कितनो के नाम लिखती है.

shayari-2

जो वादे अधूरे रह गए उन्हें कौन निभाएगा
तुम लूट कर तो चले गए अब मुझे सुबह कौन उठाएगा.

shayari-3

ना फिकर कोई ना जुस्तजू है
ना ख्वाब कोई ना आरजू है
और ये सख्श तो कब का मर चूका है
और आ रही अब तू है.

shayari-4

अगर मैं पूछूं क्या है इश्क़ तो बताना जानते हो
चलो हमारे रिश्ते में दो पहिये लगाकर लगाम तुम्हारे हाथ में दे दूँ
तो सच-सच बताना चलना जानते हो.

shayari-1

मैं सारी उम्र अंधेरों में काट सकता हूँ
मेरे दीयों को मगर रोशनी पराई न दे
और अगर यही तेरी दुनिया का हाल है
तो ए मालिक मेरी कैद भली है मुझे रिहाई न दे.

shayari-2

मिट्टी से जो भी अपनी वफाये न कर सका
वो पेड़ आँधियों में जड़ से उखड गया
उसने भी सबके साथ की मेरी मुखालिफत
जिसके लिए मैं सारे ज़माने से लड़ गया.

shayari-3

मेहरबाँ हमपे हर एक रात हुआ करती थी
आँख लगते ही मुलाकात हुआ करती थी
हिज्र की रात है और आँख में आंसू भी नहीं
ऐसे मौसम में तो बरसात हुआ करती थी.

shayari-4

सपनो को टूटते देखा है बर्बादी के मंजर देखे हैं
और गैरो से क्या गिला करूँ अपने क़त्ल का जनाब
मैंने अपनों के हाथों में खंजर देखे हैं.

shayari-1

सिर्फ मैं ही रोया हूँ उसकी मोहब्बत में
ये सच नहीं यारों आंसू तो उसने भी बहाये होंगे
और बड़ी मुश्किल से डिलीट किया है नंबर उसका
मेरी तस्बीर जलाते वक्त हाथ तो उसके भी कपकपाए होंगे.

shayari-2

क्या दुश्मनी थी तुम्हारी मुझसे
जो तुमने मेरी हंसती खेलती आँखे नम कर दी
मैं तो तुम्हारी जिंदगी को जन्नत करने आया था
तुमने क्यू मेरी जिंदगी जहन्नुम कर दी .

shayari-3

हम तो हद से गुजर गए थे तुम्हे चाहने में
तुम ही उलझे रहे हमें आजमाने में
और मोहब्बत की नासमझी में हम सब कुछ लुटा बैठे
उन्हें खिलौनों की जरुरत थी और हम उन्हें अपना दिल थमा बैठे .

shayari-4

कोई छोड़ गया हमें अपना बनाकर
तो कोई अपने लिए याद करता है
ये इंसान तो चलो मतलबी हैं ही
पर वो खुदा भी हमपर गमो की बरसात करता है .

shayari-1

अपने हाथों से अपनी मइयत सजा ली हमने
इश्क़ करने की सजा पा ली हमने
और माँ बाप सही कहते थे दूर रहो उससे
करीब रहकर कौन सी वफ़ा पा ली हमने .

shayari-2

तोड़ेंगे गुरुर इश्क़ का इस कदर सुधर जायेंगे
और खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते में हम सामने से गुजर जायेंगे .

shayari-3

तुम पूछो और मैं ना बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं
और जरा सा दिल टुटा है और तो कोई बात नहीं .

shayari-4

बहुत कुछ जान के जाना है तुमको
बड़ी मुश्किल से पहचाना है तुमको
मुझे जो तुम समझते हो गलत है
किसी दिन ये भी समझाना है तुमको .

shayari-1

वो जो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से
उसे क्या फरक पड़ेगा मेरे होने या ना होने से .

shayari-2

सब कुछ बताया जाये तो अच्छा रहेगा
अब कुछ ना छुपाया जाये तो अच्छा रहेगा
और अदालत सजी ही तेरे मोहल्ले में तो कोई गिला नहीं
गवाह मेरे मोहल्ले से भी बुलाये जाये तो अच्छा रहेगा.

shayari-3

मैं रोया नहीं हूँ मुझे रुलाया गया हैं
मैं पागल था नहीं मुझे बनाया गया है
बहुत सोच समझ के ये जाल बिछाया गया है
मुझे मोहब्बत के नाम पर आजमाया गया है .

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