romantic shayari

shayari-1

आप दूर हों पर दिल में ये एहसास है,
कोई खास है जो हर वक्त दिल के पास है
वैसे तो करते हैं याद हम सबको,
पर आपकी याद का एहसास खास है.

shayari-2

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

shayari-3

अब तो बस चाहत ही चाहत दिल को घेरे है,
तुमसे मिलने की तमन्ना रहती शाम सबेरे है
किसे मालूम था इस कदर प्यार हो जायेगा,
ये इश्क़ ना बस में तेरे है ना बस में मेरे है .

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है
आप तो दिल के अंदर हैं बहार कौन है.

shayari-4

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

ना जाने कब वो रिस्ता बन गया,
कोई अनजान न जाने कब अपना बन गया
और हमें एहसास भी नहीं हुआ की
न जाने कब वो आँखों का सपना बन गया। .

shayari-3

नींद आए या न आए,
लेकिन रात को तेरे ख़्वाब ज़रूर आते हैं,
हक़ीक़त में हालात मिलाएं या न मिलाएं,
लेकिन ख्यालों में ये मुलाक़ात तुमसे अक्सर कराते हैं .

नींद आए या न आए,
लेकिन रात को तेरे ख़्वाब ज़रूर आते हैं,
हक़ीक़त में हालात मिलाएं या न मिलाएं,
लेकिन ख्यालों में ये मुलाक़ात तुमसे अक्सर कराते हैं .

नींद आए या न आए,
लेकिन रात को तेरे ख़्वाब ज़रूर आते हैं,
हक़ीक़त में हालात मिलाएं या न मिलाएं,
लेकिन ख्यालों में ये मुलाक़ात तुमसे अक्सर कराते हैं .

नींद आए या न आए,
लेकिन रात को तेरे ख़्वाब ज़रूर आते हैं,
हक़ीक़त में हालात मिलाएं या न मिलाएं,
लेकिन ख्यालों में ये मुलाक़ात तुमसे अक्सर कराते हैं .

नींद आए या न आए,
लेकिन रात को तेरे ख़्वाब ज़रूर आते हैं,
हक़ीक़त में हालात मिलाएं या न मिलाएं,
लेकिन ख्यालों में ये मुलाक़ात तुमसे अक्सर कराते हैं .

shayari-4

तुम्हें चुन लिया है इस दिल ने,
अभी बताना बाकी है,
कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे,
ये भी समझाना बाकी है।।.

तुम्हें चुन लिया है इस दिल ने,
अभी बताना बाकी है,
कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे,
ये भी समझाना बाकी है।।.

तुम्हें चुन लिया है इस दिल ने,
अभी बताना बाकी है,
कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे,
ये भी समझाना बाकी है।।.

तुम्हें चुन लिया है इस दिल ने,
अभी बताना बाकी है,
कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे,
ये भी समझाना बाकी है।।.

तुम्हें चुन लिया है इस दिल ने,
अभी बताना बाकी है,
कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे,
ये भी समझाना बाकी है।।.

shayari-3

जान लेने पर तुले हैं दोनों हमारी
इश्क़ हार नहीं मानता
दिल बात नहीं मानता .

shayari-4

तेरी मोहब्बत में एक अजब सा नशा है
तभी तो सारी दुनिया हमसे खफा है
ना करो तुम हमसे इतनी मोहब्बत
की दिल ही हमसे पूछे बता तेरी धड़कन कहाँ है .

shayari-3

सिर्फ इतना ही कहा है की प्यार है तुमसे
जज्बातो की कोई नुमाइश नहीं
प्यार के बदले सिर्फ प्यार माँगा है
इससे ज्यादा कोई ख्वाहिस नहीं .

shayari-4

सरफिरा समझता है शहर सारा मैं किसको अपने साथ लूँ
और किसको सुनाऊँ दुख अपना किससे दर्द बाँट लूँ
और मैं तो आपका नंबर नहीं काट सकता और जिंदगी कैसे काट लूँ .

shayari-2

भुला कर सारी दुनिया आज हम इजहार करते हैं
कह तो पहले भी चुके हैं हम लो आज फिर कहते हैं
की हम आपसे बहुत प्यार करते हैं .

shayari-3

तुझे बाहों में लेकर तेरे कान में एक इजहार करना चाहता हूँ
और तुम्हे हर पल मेरी कमी महसूस हो इतना प्यार करना चाहता हूँ .

shayari-4

हमें तुमसे मोहब्बत है चाहे तुम इम्तहान ले लो
चाहो तो दिल ले लो चाहो तो जान ले लो
सुर्ख गुलाब सी तुम हो जिंदगी की बहार सी तुम हो
हर कोई पढ़ने को बेक़रार है पढ़ने वालों की किताब सी तुम हो .

shayari-3

सपनों में मैंने तेरी एक तस्वीर बना रखी है,
थोड़ा वक़्त निकाल कर अयिएगा ज़रूर उसे देखने,
मैंने दिल के फ्रेम में सज़ा रखी है.

shayari-4

सनी सुनाई बातों पर तुम यकीन मत किया करो,
क्यूंकि ज़ुबान से कहीं ज़्यादा सच आंखें बोलती हैं।।.

shayari-3

न जाने ख़ुदा ने किस वक़्त में तेरी आंखों को बनाया होगा,
कि फ़रिश्ते भी इनका वार सहने को त्यार बैठे हैं।।.

shayari-4

मेरे ख्यालों में बसा हमेशा से तेरा एक ख़्याल रहा है,
ये दिल हमेशा से मेरे अंदर होकर सिर्फ़ तेरा बनकर रहा है.

shayari-3

ज़रा देरी तो होगी ही इन हसीन आंखों की तारीफ़ करने में,
क्यूंकि अक्सर बेहतरीन शब्द मिलने में वक़्त लिया करते हैं

shayari-4

ज़रूर क्यामत आई होगी वहां वहां ,
जहां जहां तुमने मुस्कुराया होगा.

shayari-2

तेरी आंखें जैसे कि चमकते तारे हों,
तेरा मुखड़ा जैसे कि घने अंधेरे में निकला चांद हो,
तेरे होंठों पर ये तिल खुशनसीबी से आया है जो,
यूं कर तेरे मुखड़े का दीदार ऐसा लगने लगा है,
कि जैसे किसी ख़ूबसूरत जनत का नज़ारा हो.

shayari-3

जन्नत का एहसास भी हो जाएगा तुम्हें,
तुम एक बार मेरी आंखों में से अपने आप को देखो तो सही.

shayari-4

पता है कि गहराई में अक्सर डूब जाने का ख़तरा रहता है,
लेकिन फ़िर भी उनकी आंखों में उतरना जारी रखता हूं मैं.

shayari-3

तुम गुलाब के फूल जैसी मैं तेरा कांटा बनना चाहूंगा,
कोई अनजान आए जब पास तेरे उसको चूभ जाना चाहूंगा,
सबको दूर रख़ मैं ख़ुद तेरे नज़दीक रहना चाहूंगा,
तुम गुलाब के फूल जैसी मैं तेरा कांटा बनना चाहूंगा.

shayari-4

इस खाली से आसमान में देख कितने बादल छाए हैं,
हल्की सी बारिशों के साथ इश्क़ का मौसम भी लाए हैं,
देखकर इन्हें मुझे तो ऐसा मोहब्बत का बुखार चढ़ जाता है,
कि आपकी आंखों में डूबने का मन कर जाता है.

shayari-3

जिंदगी के साथ चल रही जंग को जीत जाऊं मैं अगर साथ हो तेरा,
इन वीरान सी आंखों में छा जाए हरियाली अगर इन्हें दीदार हो तेरा.

shayari-4

छिप गए हैं तारे न निकला है चांद,
देख अब मायूसी के बादल भी छाने लगे हैं,
तू भी अब दिल में मेरे जल्दी से आ जा,
क्यूंकि बहुत से अब अजनबी लोग दस्तक देने आने लगे हैं।

shayari-3

जिंदगी का सफ़र कट जाएगा बेहतर अगर साथ तेरा मिल जाए,
भला क्यूं पड़ेगी मुझे ज़रूरत किसी और की,
जब मोहब्बत के इज़हार में हाथ तेरा मिल जाए.

shayari-4

बेखोफ़ सी थी मेरी जिंदगी,
फ़िर क्या! बस तू आ गई,
और फ़िर तेरे दूर होने का खोफ़ स्ताने लगा..

shayari-2

देखा मैंने कि चांद बादलों के पीछे छिपता फ़िर रहा है,
कहता है कि अब लोग मेरी नहीं उनकी तलाश में रहते हैं.

shayari-3

कसम से दिन बन जाता है मेरा तुझे हूं हस्ता हुआ देख,
फ़िर इन आंखों को भी ज़रूरत नहीं पड़ती किसी और के दीदार की.

shayari-4

तेरी आंखों में एक चमकता तारा नज़र आया है,
किसी ओर में न दिखा वो जो तुझमें नज़र आया है,
बाकी सबसे अलग और सादगी की मूरत हो तुम,
इसलिए तो जो अब तक काबू में रहता था,
वो दिल आपको देख आज बेकाबू हो पाया है.

shayari-3

रात का अँधेरा कुछ कहना चाहता है
ये चाँद चांदनी के साथ रहना चाहता है
हम तो तन्हा ही खुश थे मगर पता नहीं क्यों
ये दिल अब किसी के साथ रहना चाहता है .

shayari-4

यूं गालों पर हाथ रखकर तुम हमें मत निहारा करो,
ये नाज़ुक सा दिल है जनाब,ध्यान से कहीं पिघल ना जाए,
इसलिए इतने भी प्यार से हमारा नाम मत पुकारा करो।।.

shayari-3

क्या किस्मत पाकर पैदा हुए हैं वो लोग,
जो हर दिन तेरा दीदार करते हैं,
दिख जाए दिन में एक आध बार ही तेरी सूरत,
हम तो उस ख़ुदा से बस एक यही दुआ करते हैं।।.

shayari-4

इस क़दर मुस्कुराना छोड़ दो तुम,
की वो तरस जाए तुम्हारी मुस्कराहट के लिए,
और इस हद तक बदल जाओ तुम,
कि वो मरने को त्यार हो जाए तुम्हें पहला जैसा पाने के लिए।।.

shayari-3

कुछ उनको काबू में करना चाहते हैं,
कुछ अपनी गिरफत में लेना चाहते,
हम तो बस ख़ुद को ही उनके हवाले कर देना चाहते हैं,
कुछ यूं करते हैं हम मोहब्बत उनसे, कि
ख़ुद को उन पर कुर्बान कर देना चाहते हैं।।.

shayari-4

तुझे देखने से फ़ुर्सत मिले तब तो तुझसे बात करूं,
कम्बख़त ये आंखें तेरा दीदार करने से हटती ही नहीं,
और इसलिए ये मोहब्बत की बात जो है आगे बढ़ती ही नहीं।।.

shayari-2

मेरी जान तेरी जान में जाकर बस गई,
तेरी मासूमियत मेरे दिल में घर कर गई.

shayari-3

बेक्रारियां बढ़ती जा रही हैं तेरे दीदार के लिए,
सोचता हूं कि जब मिलने आऊं तो एक गुलाब का फूल लेता आऊं तुम्हें देने के लिए,
तेरी पसंद ना पसंद का ज्यादा हिसाब तो नहीं है,
लेकिन ज़रा सोचो कि इतनी ख़राब भी नहीं होगी जिसने चुना है तुम्हें अपना बनाने के लिए.

shayari-4

तेरी ये आंखें समन्द्र की गहराई से कम नहीं,
इनमें मैं आसानी से डूब सकता हूं,
क्या मैं तुम्हें हर पल,हर दिन देखने की इजाज़त के बारे में पूछ सकता हूं.

shayari-3

देखा मैंने आसमान में कि आज इतना अंधेरा सा क्यूं छाया है,
निकले जब घर से हम बाहर की तरफ़,
तो देखा कि चांद तो हमसे मिलने हमारे दरवाज़े पर आया है.

shayari-4

मैं तेरे बारे में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि,
तू सादगी की वजह से नहीं,
सादगी तेरी वजह से मशहूर है.

shayari-3

अक्सर ही उनकी बातों से बहक जाते हैं हम
उनके लिए खुद को रोक नहीं पाते हैं हम
पहले तो हम अजनबी थे उनके लिए
लेकिन अब उनके अपनों में जाने जाते हैं हम...

shayari-4

जो कुछ मिला है उसी में खुश हूँ मैं
तेरे लिए खुद से तकरार नहीं करती
पर कुछ तो बात है तेरी फितरत में जालिम
वरना तुझे चाहने की खता बार बार नहीं करती .

shayari-3

अगर भूले से कभी हमारी याद आती हो और
तब बदन में एक सिहरन सी उठ जाती हो तो
मेरे सनम तुम मेरे पास चले आना
अगर सुनी सुनी रातें तुम्हे बहुत सताती हों .

shayari-4

क्यों तुझी को देखना चाहती हैं मेरी आँखे
क्यों खामोशियाँ करती हैं बस तेरी बाते
क्यों इना चाहने लगा हूँ तुझको मैं
की तारी गिनते होने कटती हैं रातें .

shayari-4

आज मै खुश हूँ क्यों की
मेरी जिंदगी में मोहब्बत का फूल खिल गया
मैंने जिसे चाहा वही मुझे मिल गया .

shayari-4

दिल के प्यार को कभी जताया नहीं
और सुन तू मेरी जान है ये तुझे कभी बताया नहीं .

shayari-4

मेरी अँधेरी रातो का तु सबेरा बन गया,
मेरे जिंदगी में आया है तू कुछ इस तरह से
जैसे कब्र में पड़ी लाश को सांसो का सहारा मिल गया .

shayari-4

पाकर तुम्हे दुनिया की हर ख़ुशी मिल गई,
हमारे होठों को खिलखिलाती हसीं मिल गई
तुम्हारे बाद तो अब कुछ बाकी नहीं रहा
तुमसे मिलकर लगा जैसे हमें जिंदगी मिल गई | .

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